मान्यता है कि कौशिकी अमवस्या के दिन साधक बामा खेपा सिद्धि प्राप्त किए थें। यह दिन मां तारा के आर्विभाव तिथि के रुप में भी मनाई जाती है। अतः कौशिकी अमवस्या के दिन तारापीठ के अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों पर मां तारा की पूजा की जाती है। तारापीठ में पूजा करने वालों की भारी गहमा गहमी रही। हिंदू ग्रंथों के अनुसार शुंभ-निशुंभ नामक असुरों का बध करने के लिए इसी दिन मां कौशिकी प्रकट हुई थी।
उधर, उत्तर 24 परगना जिला के श्यामनगर में काउगाछी-गुड़दह तारा मां पूजा कमेटी ने पूजा का आयोजन की थी। जिसमें भाग लेने सांसद अर्जुन सिंह पहुंचे। वह बोले कि मां का आगमन अशुभ शक्तियों के नाश के लिए होता है।