ए कमल करती है रक्तदान।कहावत है कि जो गैरों के भले की सोचे वही सच्चा इंसान है। खुद के परिवार और समाज से सभी का लगाव रहता है। लेकिन एक इंसान जिसे समाज ने तृतिय लिंग का दर्जा दे रखा है। समाज जिसे कोई अहमियत नहीं देता तब भी वह समाज के भले की सोचे तो उसके आगे मस्तक ख़ुद ब ख़ुद झुक जाता है। ट्रांसजेंडर कमल गैरों के लिए रक्तदान करती है। इस चाहत से कि उसके खून से किसी की जान बचे। उसका कहना है कि भले ही समाज ने मुझे नहीं अपनाया पर मैं समाज को अपना मानती हूं।