इंसान के दोहरेपन की भूमिका को समाज के सामने लाने के लिए कांचरापाड़ा का विश्वनाथ स्मृति संघ “मुख वो मुखोश” थीम को चुना है। अपने पूजा के 74वें साल में मां दुर्गा को कुछ नया समर्पित करने की चाह में रंग विरंगे मुखौटा से पंडाल सजा है। जिसमें 12 इंच से लेकर आदमकद आकृति के मुखौटे का व्यवहार किया गया है। दर्शकों को पंडाल में मुखौटों की दुनिया की अनुभूति होगी। मुख्य आयोजक मलय घोष ने बताया कि वर्तमान दौर में इंसान के दो रुप होती है। एक अच्छा और एक बुरा। इसलिए मुख वो मुखोश” थीम पर पंडाल बनी है।