22 दिसम्बर अर्थात जुम्मा की रात से आरंभ होगी हजरत यूसुफ जमाल उर्फ चश्मा शाह बाबा का 53 वां उर्स मुबारक। जो 26 तारीख तक चलेगी। रूहानी इंसान चश्मा शाह बाबा के यहां हिंदू एवं मुस्लिम दोनों ही वर्ग अपनी तकलीफों को लेकर जाते थें। चश्मा अर्थात निर्मल झरना की तरह हर ख्वाहिशमंद की प्यास उनके यहां बुझाती थी। आज भी वह सिलसिला जारी है। बिहार के जमुई के निवासी बाबा का हाजीनगर के नेलशन रोड पर दरगाह है। दरगाह शरीफ कमेटी चश्मा शाह बाबा के खादिम शाहीद रज़ा ने बताया कि कोई रोजी रोटी कोई औलाद नहीं होने तो कोई शादी विवाह न होने जैसी समस्याएं लेकर आता है। बाबा सभी की मुराद पूरी करते।  मन्नत पूरी होने पर लोग चादर चढ़ाते है।

जन नेता एमडी सरवर अली ने बताया कि उर्स के दौरान वालंटियर एवं पुलिस मिलकर बखूबी से भीड़ सम्हालने के काम को अंजाम देते है।