भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के अपने एक ऐतिहासिक फैसले में ट्रांसजेंडर वर्ग को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी। उनके लिए अलग से सार्वजनिक शौचालय बनाने जैसी कई सुविधा प्रदान करने का आदेश दी। फैसला के 9 साल बीत जाने पर भी तृतीय लिंग श्रेणी के लिए कई शहरों में सार्वजनिक शौचालय नहीं बना। कांचरापाड़ा कॉलेज राज्य का पहला ऐसा शिक्षण संस्थान है। जो तीन साल पहले ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से शौचालय बनवाया है। इस प्रसंग में जगदल के विधायक सोमनाथ श्याम ने बताया कि न्यु हिन्दूस्तान टूडे डॉट कम के सुझाव की दिशा में काम करेंगे।
वहीं बीजपुर विधायक सुबोध अधिकारी ने कहा कि अगर किसी पक्ष से प्रस्ताव आता है तो बीजपुर की दोनों पौरसभा अंचल में शौचालय बनेगा।
हालीशहर के पौरप्रधान शुभंकर घोष के अनुसार अगर किसी पक्ष से मांग आती से तो पौरसभा उस पर विचार करेंगी।