मर्तलोक के मायका में कुछ दिन बिताने के बाद मां दुर्गा सपरिवार अपने पति के घर अर्थात कैलाश लौट गई। “आबार एसो मां” के आह्वान के साथ श्रद्धालुओं ने भारी मन से मातृ प्रतिमा को गंगा में विसर्जित किए। बैरकपुर महकमा के विभिन्न घाटों पर स्थानीय नगर पालिका विसर्जन की व्यवस्था की थी। भाटपाड़ा नगर पालिका के नानाबाबा घाट और आतपुर फेरी घाट पर यांत्रिक उपाय से विसर्जन की व्यवस्था हुई थी। क्रेन से प्रतिमाओं को उठाकर गंगा में डाला गया। घाट पर बेवजह भीड़ न जमें उसके लिए बास की बैरिकेड लगा था। ताकि भीड़ के वजह से विसर्जन काम में कोई व्यवधान न आए। रात गए विसर्जन का काम चला। जगदल के विधायक सोमनाथ श्याम घूम घूम कर घाटों की स्थिति का जायजा लिए।