भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लगातार तीन पारी की प्रधानमंत्री रही, चौथीं बार के प्रधानमंत्री कार्याकाल के दौरान अपने ही सुरक्षा कर्मियों के हाथों मौत के घाट उतार दी गई। ऐसे गरिमामयी प्रधानमंत्री का 105वां जयंती शनिवार देश ने मनाया। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री से लेकर आम कांग्रेसियों ने जन्म जयंती अपने अपने तरिका से मनाएं। बिडंबना है कि कांचरापाड़ा के डेंगापाड़ा पावरहाउस मोड की उनकी स्मारक दो श्रद्धा सुमन के लिए उपेक्षित रही।
बीजपुर के विख्यात कांग्रेस नेता स्वर्गीय मृणालकांति सिंह राय के जीवनकाल में डांगापाड़ा पावर हाउस मोड़ पर स्मारक की स्थापना हुई थी। उस पर लगी स्वर्गीय इंदिरा गांधी की मुर्ति शरारती तत्वों के द्वारा तोड़ दी गई। लगातार उपेक्षा से स्मारक भग्न दशा में है।
मुर्ति पर फूल माला नहीं चढ़ाने के संबंध में स्थानीय तृणमूल पार्षद गोविन्द मल्लिक से शनिवार साम को बातचीत हुई। वह बोले कि बेदी पर माला नहीं चढ़ाना गलत हुआ है। दरअसल इसदिन उनकी दो जरुरी मीटिंग थी, जिसके वजह से अत्याधिक व्यस्त थें और उस ओर ध्यान नहीं दे पाए।
उधर, टीटागढ़ के निवासी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य संतोष कुमार सिंह ने अपने शहर में धूमधाम से इंदिरा गांधी का जयंती मनाएं। वह बोले कि राजनीतिज्ञयों को याद रखना चाहिए कि देश के लिए इंदिरा गांधी बलिदान दी है, प्रधानमंत्री का पद राजनीति से परे होता है। जयंती पर फूल माला नहीं चढ़ाना गलत हुआ है। कांचरापाड़ा के स्थानीय कांग्रेसी भाईयों से उनकी अपील है कि स्मारक का जिर्णोधार कर उसे दर्शनीय बनाएं।