कांकीनाड़ाः भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार की सुबह कांकीनाड़ा नफ्फरचंद जूट मिल में उत्पादन चालू हुआ। हंगामा होने की संभावना को देखते हुए मिल गेट के बाहर रैफ के जवान तैनात रहे। साथ ही गेट के सामने की सड़क पर पुलिस का गस्त चलता रहा। तनाव के बीच मजदूर अपने कार्यस्थल पर पहुंचे।

बता दे कि राष्ट्रीय चटकल मजदूर यूनियन के कार्यकारी सदस्यों के बीच बर्चस्व की लड़ाई में रविवार मिल चालू रहने पर भी उत्पादन ठप रहा। वहीं, शनिवार को उत्पादन प्रभावित रही। दो दिनों के गतिरोध के वजह से मजदूरों को मिल बंद होने का भय सता रहा था। उन्हें अपने रोजी रोटी छीन जाने का डर था। मिल के चालू होने से उन्होंने राहत की सांस ली है।

मिल गेट पर पहुंचे स्थानीय वाशिंदा तथा भाटपाड़ा नगरपालिका के सीआईसी अमीत गुप्ता ने बताया कि किसी यूनियन के पदाधिकारियों का परिवर्तन यूनियन को मान्यता देने वाली पार्टी का उच्च नेतृत्व करता है। उस यूनियन के पदाधिकारियों के पैनल में बदलाव हुआ है, पुराने सचिव को हटाकर नए सचिव की नियुक्ति हुई है। आरोप है कि इस विवाद में कुछ शरारती तत्वों ने उत्पादन ठप करवा दिए। तृणमूल सरकार नहीं चाहती कि किसी यूनियन के आपसी विवाद का खामियाजा वहां काम करने वाले चार हजार मजदूरों को भोगना पड़े। इस मुद्दा पर सभी पक्षों में सहमति बनी और मिल चालू हुआ। उधर, सांसद अर्जुन सिंह के आरोप का समर्थन करते हुए बैरकपुर दमदम जिला आईएनटीटीयूसी के अध्यक्ष तथा जगदल के विधायक सोमनाथ श्याम ने कहा कि यूनियन पैनल में अपराधिक तत्वों को स्थान दिए जाने के वजह से मिल में झंझट हुआ। मगर किसी को भी मिल में अस्थिरता पैदा नहीं करने दिया जाएगा। वैसे तत्वों को मिल से निकाल बाहर करने के लिए पार्टी तत्पर है। उल्लेखनीय है कि रविवार सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया था कि अपराधिक तत्वों के गुंडागर्दी के कारण बेवजह नफ्फरचंद जूट मिल बंद हुआ है।