जूट मिलों में काम करने वाले मजदूरों को कम वेतन मिलना, मालिका का शोषण तंत्र एवं इस उद्योग के प्रति केंद्र एवं राज्य सरकार की उदासीनता के कारण बैरकपुर शिल्पांचल का जूट उद्योग बीमार अवस्था में पहुंच चुका है।

राज्यसभा के कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि बैरकपुर शिल्पांचल का जूट उद्योग बीमार अवस्था में पहुंच चुका है उसके तीन कारण है। पहला जूट मिलों में काम करने वाले मजदूरों को इतना कम वेतन मिलता है, जिसमें वे अपना परिवार नहीं चला पाते। उन्हें अपना आर्थिक भविष्य असुरक्षित नजर आता है इस वजह से नई पीढ़ी अब मिलों में काम नहीं करना चाहती है। दूसरा, मालिका का शोषण तंत्र एवं तीसरा इस उद्योग के प्रति केंद्र एवं राज्य सरकार की उदासीनता। जबकि यह उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध करवाने वाला है। राज्य के पाट उत्पादक किसानों का भविष्य भी इस उद्योग से जुड़ा है। अतः केंद्र व राज्य, दोनों सरकारों को चाहिए की इस उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए संयुक्त रुप से पहल करें।

सोमवार भाटपाड़ा के प्रेमचंद भवन में स्वर्गीय श्रमिक नेता गोपाल सरकार की स्मरण सभा हुई। जिसमें भाग लेने कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य भाटपाड़ा पहुंचे थें।