तृणमूल के मंत्री और सांसद ने किया राज्यपाल के भूमिका की कड़ी आलोचना।
राज्य सरकार के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक एवं तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस की भूमिका की कड़ी आलोचना किए। दरअसल राज्यपाल कल्याणी एक्सप्रेस वे से होकर नदिया जिला की ओर जा ते समय बासुदेवपुर में बीजेपी एवं सीपीएम उम्मीदवारों ने राज्यपाल की गाड़ी रोककर बूथों पर छप्पामारी की शिकायत किए। धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनने के बाद राज्यपाल वहां से मुड़कर बारासात पहुंचे।
सांसद सौगत राय दावा किए कि बैरकपुर-दमदम जिला सांगठनिक अंचल में पंचायत चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। कुछ छिटपुट घटनाएं घटी है। रही बात उत्तर 24 परगना कि तो बादुड़िया के चार बूथों पर कब्जा कर बीजेपी एवं सीपीएम के लोगों ने छप्पामारी किया है। बैरकपुर ब्लॉक दो अंचल में हथियार चमकाना निर्दल उम्मीवार का आपसी कलह है। वह आरोप लगाए कि राज्यपाल इसदिन घूमने निकले है। चुनाव के दिन उनका इस प्रकार से घूमना सहीं नहीं है। संविधान में कही भी लिखा नहीं है कि राज्यपाल प्रत्यक्ष रुप से राज्य की कानून व्यवस्था में हस्क्षेप कर सकते है। राज्य के मामलों में प्रत्यक्ष हस्क्षेप करने का अधिकार उन्हें नहीं है। किसी प्रकार की शिकायत होने पर उन्हें राज्य सरकार को बताना चाहिए। सरकार उस पर कार्यवाई करेगी। उन्हें सीधे तौर पर निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है। जो कि वे कर रहे है। तृणमूल की ओर से उनके खिलाफ चुनाव आयोग से चार बार शिकायत की गई है। हमें बूथों पर जाने से मना किया जाता है। जबकि वे घूम रहे है। संविधान के धारा 243 एक के अनुसार राज्यपाल चुनाव आयुक्त को नियुक्ति पत्र देते है। उसके बाद अपना काम करने के लिए आयोग स्वतंत्र है।
उधर, सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने तल्ख भाषा में राज्यपाल की आलोचना करते हुए बोले कि राज्यपाल को नदिया जिला जाना था। लेकिन वे उनके विधानसभा नैहाटी में गए। उनके साथ कोलकाता के मीडिया हाउस के पत्रकार थें। उनके संग होटल में खाए पिए लेकिन जिला के पत्रकारों को एक कप चाय के लिए भी नहीं पूछें। इससे सावित होता है कि उनका व्यवहारिक जीवन पक्षपात पूर्ण है। वह हमेशा एक पक्ष के साथ रहते है। उसी तरह से राज्यपाल की भूमिका से अलग वह आरएसएस के पक्ष में काम कर रहे है।